Thursday, November 27, 2008

मुंबई धमाका देश के लिए चुनोती

देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई में अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला करके आतंकवादियों ने सरकार को प्रत्यक्ष रूप में चुनौती दे डाली है। मुम्बई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल और दो पांचसितारा होटलों (ताज होटल व ऑबराय होटल) सहित सात अलग-अलग स्थानों पर देर रात आतंकवादी हमलों में 101 लोग मारे गए और 287 घायल हुए हैं। सूत्रों के अनुसार मरने वालों में 14 पुलिसकर्मी, छह विदेशी नागरिक और पांच चरमपंथी हैं। आतंकियों ने ताज व ऑबराय होटल सहित विभिन्न स्थानों पर लोगों को बंधक बना लिया है। आतंकवादियों से निपटने के लिए दिल्ली से एनएसजी के 200 कमांडो पहुंच गए हैं।सेना को भी बुला लिया गया है। हालात को देखते हुए पूरे देश में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है। पूरे देश में हवाई निगरानी बढ़ा दी गई है। देश के गृहमंत्री आर. आर. पाटिल ने कहा कि तीन जगह जहां कार्रवाई चल रही है वहां 10-12 आतंकी हो सकते हैं। मुम्बई पुलिस आयुक्त हसन गफूर ने बताया कि ये हमले सुनियोजित आतंकवादी कार्रवाई है। पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हमलावारों के पास एके-47, एके-57 व स्वचालित ग्रेनेड हैं। भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार दक्कन मुजाहिदीन नाम का एक संगठन ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है। आतंकवाद का यह रूप भारत ने संभवतः पहली बार देखा है। यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती है।