Tuesday, November 18, 2008

अंदाज

चेहरे बदलने का हुनर मुझमैं नहीं ,दर्द दिल में हो तो हसँने का हुनर मुझमें नहीं,मैं तो आईना हुँ तुझसे तुझ जैसी ही मैं बात करू,टूट कर सँवरने का हुनर मुझमैं नहीं ।चलते चलते थम जाने का हुनर मुझमैं नहीं,एक बार मिल के छोड जाने का हुनर मुझमैं नहीं ,मैं तो दरिया हुँ , बहता ही रहा ,तूफान से डर जाने का हुनर मुझमैं नही"

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