
राधा को छोड़ रूकमण को भगा लाया था वो,
खुद ने तो की हजार शादीयां,
पर राधा को कंवारी ही मार डाल आया था वो,
प्रेम का मधुर संगीत सुनाने वाला दुखः के तार छेड़ आया
वो तड़पती राधा को छोड़ ...........................
इतिहास के पन्नो में दुर तक
लाकर बीच मझधार में गुमनाम सा छोड़ आया था वो,
तडपती राधा को छोड़ ......................................
सबकी दुनिया रंगीन बनाने वाला,
उसे बेरगं कर आया था वो,
गूजती,हस्ती-खेलती,नाचती,
गोकुल और वृंदावन की गलीयों को,
मौन कर आया था वो,
तड़पती राधा को छाड़....................................................
आज भी अगर कोई सच्चे प्रेम की गाथा,
बतलाए ,तो राधा कृष्ण का नाम ही मुख पर आए ,
पर कोई पुछे कृष्ण से बिलखती राधा को छोड़,
क्यों मथुरा चला आया था वो,
तड़पती राधा को छोड़...................................................................
आज की युवा पिढ़ी को बडा भाता है वो,
कुछ कहने पर लोग उसे फोर इग्जम्पल यूज करते है,
क्योंकि प्यार की नई डफिनेश्न सिखला आया था वो,
यूज अण्ड थ्रो, यूज अण्ड थ्रो,
बडा अजीब सा लग रहा है अपने कृष्ण के बारे में,
पर जरा कोइ पुछे उसे की खुद तो अमर हुआ इतिहास के,
पन्नो में ,पर बदनाम कर आया था राध को बरखाने की गलीयों में,
तडपती राधा को छोड़.........................................................................
आज भी राधा की पथराई आंखे,रास्ता उसी का देखती है,
और पुछती है,कि क्या यहीं प्यार है अगर यहीं प्यार है,
तो क्यों उसे प्रमे की परिभाषा बतला आया था वो,
तड़पती राधा को छोड़,
रुकमण को भगा लाया था वो,
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