Thursday, November 20, 2008

भ्रूण हत्या


ऐ मां तूने ये क्या किया मुझे संसार में आने से पहले ही मार दिया।

मार दिया तूने मुझे मन ही मन ,

कया नहीं था तेरे पास दो गज कफन।

तूने मुझे जन्म दिया होता,

जरा सी यह सृष्टि तो दिखाई होती,

मैंने भी कल्पना चावला की तरह इज्जत कमाई होती,

चाहे छोड़ देती तूं मुझे अनाथ आश्रम,

मैं वहां कच्चे दिल वालों की तरह न होती।

मैं तुझे अकेली ना छोड़ती तेरी तरह ,

अगर तूने दी होती मुझे इस जहां में पनाह।

तुझे नही मालूम कि जिस घर में लड़की का सम्मान होता है,

ए मॉं उस घर में भगवान का निवास होता है।

ए लोगों दुनिया से बचने के लिए,

चाहे इस जहां में खुद मरो।

लेकिन लड़की होने के डर से,

भ्रूण हत्या कभी मत करो।

पवन कुमार

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