तुम ने चाह ही नही ,
हालत बदल सकते थे...
तेरे आंसू मेरी aankho से निकल सकते थे॥
तुम तो ठहरे रहे झील के पानी की तरह ......
दरिया बनते तो बहुत दूर निकल सकते थे...
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