Friday, November 28, 2008

मुम्बई हमलों में विदेशियों का हाथ : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुम्बई हमलों की निंदा करते हुए कहा कि इन मुम्बई हमलों में विदेशी देशो का हाथ है। उन्होंने कहा कि विदेशी हमलों से देशवासियों की सुरक्षा के लिए इस आतंकी हमलों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पूरी जिम्मेवारी तथा मजबूती से उठाएगें। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुम्बई धमाकों की जड़े देश के बाहर फैली हुई है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि विदेशी शक्तियां जो भारत का अमन-शांति को भंग कर रही है वे इन लोगों को अपनी जमीन पर ही रोक ले वरना इसका खमियाजा उस देश को भुगतना पड़ेगा। मनमोहन सिंह ने कहा कि मुम्बई में जो हमला हुआ है वह पूरे देश पर हमला है इससे समस्त राष्ट्र को गहरा झटका लगा है। इसमें कोई शक नही कि इसमें विदेशी शक्तियों का हाथ है। मनमोहन सिंह ने इस कार्यरत हमलों में मारे गए सभी लोगों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की जो आतेकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। प्रधानमंत्री ने इस हमलें में शहीद लोगों को याद करते हुए कहा कि देश उनका योगदान कभी नही भुला सकेगा। प्रधानमंत्री ने इस हमले में पीड़ित लोगों की जिम्मेवारी लेते हुए कहा कि घायलों को तथा म्‌तक के परिजनों का हर प्रकार की सहायता प्रदान की जाएगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोगों को आश्वासन दिलाया है कि इस हमलें शामिल हर आतंकवादी से निपटा जाएगा , चाहे वह देश का हो या विदेशी हो। प्रधानमंत्री ने इस संकट की घडी से जूझने के लिए देशवासियों से अपील की है कि वे एकजुटता बनाए रखे ताकि आतंकवादियों के इरादों को कमजोर किया जा सके।

राधा का वियोग


राधा को छोड़ रूकमण को भगा लाया था वो,

खुद ने तो की हजार शादीयां,

पर राधा को कंवारी ही मार डाल आया था वो,

प्रेम का मधुर संगीत सुनाने वाला दुखः के तार छेड़ आया

वो तड़पती राधा को छोड़ ...........................

इतिहास के पन्नो में दुर तक

लाकर बीच मझधार में गुमनाम सा छोड़ आया था वो,

तडपती राधा को छोड़ ......................................

सबकी दुनिया रंगीन बनाने वाला,

उसे बेरगं कर आया था वो,

गूजती,हस्ती-खेलती,नाचती,

गोकुल और वृंदावन की गलीयों को,

मौन कर आया था वो,

तड़पती राधा को छाड़....................................................

आज भी अगर कोई सच्चे प्रेम की गाथा,

बतलाए ,तो राधा कृष्ण का नाम ही मुख पर आए ,

पर कोई पुछे कृष्ण से बिलखती राधा को छोड़,

क्यों मथुरा चला आया था वो,

तड़पती राधा को छोड़...................................................................

आज की युवा पिढ़ी को बडा भाता है वो,

कुछ कहने पर लोग उसे फोर इग्जम्पल यूज करते है,

क्योंकि प्यार की नई डफिनेश्न सिखला आया था वो,

यूज अण्ड थ्रो, यूज अण्ड थ्रो,

बडा अजीब सा लग रहा है अपने कृष्ण के बारे में,

पर जरा कोइ पुछे उसे की खुद तो अमर हुआ इतिहास के,

पन्नो में ,पर बदनाम कर आया था राध को बरखाने की गलीयों में,

तडपती राधा को छोड़.........................................................................

आज भी राधा की पथराई आंखे,रास्ता उसी का देखती है,

और पुछती है,कि क्या यहीं प्यार है अगर यहीं प्यार है,

तो क्यों उसे प्रमे की परिभाषा बतला आया था वो,

तड़पती राधा को छोड़,

रुकमण को भगा लाया था वो,

Thursday, November 27, 2008

मुंबई धमाका देश के लिए चुनोती

देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई में अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला करके आतंकवादियों ने सरकार को प्रत्यक्ष रूप में चुनौती दे डाली है। मुम्बई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल और दो पांचसितारा होटलों (ताज होटल व ऑबराय होटल) सहित सात अलग-अलग स्थानों पर देर रात आतंकवादी हमलों में 101 लोग मारे गए और 287 घायल हुए हैं। सूत्रों के अनुसार मरने वालों में 14 पुलिसकर्मी, छह विदेशी नागरिक और पांच चरमपंथी हैं। आतंकियों ने ताज व ऑबराय होटल सहित विभिन्न स्थानों पर लोगों को बंधक बना लिया है। आतंकवादियों से निपटने के लिए दिल्ली से एनएसजी के 200 कमांडो पहुंच गए हैं।सेना को भी बुला लिया गया है। हालात को देखते हुए पूरे देश में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है। पूरे देश में हवाई निगरानी बढ़ा दी गई है। देश के गृहमंत्री आर. आर. पाटिल ने कहा कि तीन जगह जहां कार्रवाई चल रही है वहां 10-12 आतंकी हो सकते हैं। मुम्बई पुलिस आयुक्त हसन गफूर ने बताया कि ये हमले सुनियोजित आतंकवादी कार्रवाई है। पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हमलावारों के पास एके-47, एके-57 व स्वचालित ग्रेनेड हैं। भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार दक्कन मुजाहिदीन नाम का एक संगठन ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है। आतंकवाद का यह रूप भारत ने संभवतः पहली बार देखा है। यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती है।

Wednesday, November 26, 2008

दिल की आवाज

मेरे दिल की आवाजतेरी तारीफ में मेरे शब्दों की शायद किताब सिमट गई, लगता है मेरे हाथों से तेरे नाम की लकीर मिट गई,
सुना था नाजुक होती है डोर जमाने में प्यार की,
इजहार करने पे ना जबाव मिला तो लगाया
मेरे प्यार की डोर चटक गई,तुझे देखकर लगता है,
कभी नहीं भूल पाऊंगा तेरे प्यार को,
तेरे बिना जीने की तमन्ना न करता तो
शायद ठीक था पर यार मेरी तो शायद
किस्मत हो गईमिलता है प्यार किसी को इकरार या इन्कार में,
पर मुझे तो इन्कार भी नसीब ना हुआ,
शायदमेरी वफा भटक गई,

Tuesday, November 25, 2008

मोहब्बत एक एहसास


मोहब्बत एक एहसास है ऐसा,
दिवानों ने कहा है,
सुरमयी लगती है हर शाम,
हर लम्हा जीने को दिल करता है,
पंख लगाकर उड़ने को जी चाहता है,
जब कोई अपना सा लगता है,
किसी की बातों से वक्त कब,
गुजरता है इसका पता भी नहीं लगता है,
उसके ना होने पर भी उसके होने,
का एहसास प्यारा सा लगता है।

Thursday, November 20, 2008

इंसानियत




जलती है अबला कोई तो,


क्या उसे बचाने जाओग,


तुम ऐसे इंसानियत हो,


जो दूर खड़े चिल्लाओगे,


उसकी अग्नि की गरमी से,


सर्दी दूर भगाओगे,


उसके जलने के बाद,


केवल शौक मनाओगे,


उसे बचा सके कोई ,


क्या ऐसा कोई मर्द नही,


अरे ओ दिल वाले लोगो ,


सिने में तुम्हारे दर्द नही,


उसकी चीख पुकारों से ,


कुछ असर नही तुम पर आया,


मूक बने वहा खडे रहे,


नहीं कोई बचाने उसे आया।

फैशन


इस फैशन से हिन्दुस्तान तबाह हो रहा है।

मैं क्या-क्या बताऊ कि क्या हों रहा है।
न नंगा न ढका है कोई,

न पजामा न सलवार है कोई ,

न इज्जत न शर्म है कोई ,

जिसे देखो वो ही अर्धनग्न पर फिदा हो रहा है।

इस फैशन से हिन्दुस्तान तबाह हो रहा है।
ना विधवा सुहागन की पहचान ,

कोई ना ब्याही कंवारी का ज्ञान है कोई ,

ना गुरूजनों का ही है सम्मान कोई ,

जिसे देखों वो ही फैशन में खो रहा है।

इस फैशन से हिन्दुस्तान तबाह हो रहा है।
ना मंदिर ना मस्जिद ना गुरूद्वारे जाना,

ना बडो के आगे सिर को झुकाना ,

बस आठो पहर चेहरे को सजाना

ऐसा ही अब सुबह शाम हो रहा है।

इस फैशन से हिन्दुस्तान तबाह हो रहा है।

भ्रूण हत्या


ऐ मां तूने ये क्या किया मुझे संसार में आने से पहले ही मार दिया।

मार दिया तूने मुझे मन ही मन ,

कया नहीं था तेरे पास दो गज कफन।

तूने मुझे जन्म दिया होता,

जरा सी यह सृष्टि तो दिखाई होती,

मैंने भी कल्पना चावला की तरह इज्जत कमाई होती,

चाहे छोड़ देती तूं मुझे अनाथ आश्रम,

मैं वहां कच्चे दिल वालों की तरह न होती।

मैं तुझे अकेली ना छोड़ती तेरी तरह ,

अगर तूने दी होती मुझे इस जहां में पनाह।

तुझे नही मालूम कि जिस घर में लड़की का सम्मान होता है,

ए मॉं उस घर में भगवान का निवास होता है।

ए लोगों दुनिया से बचने के लिए,

चाहे इस जहां में खुद मरो।

लेकिन लड़की होने के डर से,

भ्रूण हत्या कभी मत करो।

पवन कुमार

Tuesday, November 18, 2008

अंदाज

चेहरे बदलने का हुनर मुझमैं नहीं ,दर्द दिल में हो तो हसँने का हुनर मुझमें नहीं,मैं तो आईना हुँ तुझसे तुझ जैसी ही मैं बात करू,टूट कर सँवरने का हुनर मुझमैं नहीं ।चलते चलते थम जाने का हुनर मुझमैं नहीं,एक बार मिल के छोड जाने का हुनर मुझमैं नहीं ,मैं तो दरिया हुँ , बहता ही रहा ,तूफान से डर जाने का हुनर मुझमैं नही"

Friday, November 14, 2008

सच्चा दोस्त


ऐसा दोस्त चाहिए जो हमे अपना मान सके,जो हमारा दिल को जान सके,चल रहा हो हम तेज़ बेरिश मे,फिर भी पानी मे से आँसुओ को पहचान सकेख़ुश्बू की तरह मेरी सांसो मे रेहानलहू बनके मेरी नसनस मे बेहानादोस्ती होती है रिस्तो का अनमोल गेहनाइसलिया इस दोस्ती को कभी अलविदा ना कहनायाद आए कभी तो आँखें बंद मत करना.हम ना भी मिलें तो गम मत करना!!!!ज़रूरी तो नही के हम नेट पेर हैर रोज़ मिलेंमगर ये दोस्ती का एहसास कभी कम मत करना.दोस्ती उन से करो जो निभाना जानते हो.नफ़रत उन से करो जो भूलना जानते हो...........ग़ुस्सा उन से करो जो मानना जनता हो...........प्यार उनसे करो जो दिल लुटाना जनता हो.........बहते अश्को की ज़ुबान नही होती,लफ़्ज़ों मे मोहब्बत बयां नही होती,मिले जो प्यार तो कदर करना,किस्मत हर कीसी पर मेहरबां नही होती.ज़िंदगी गमो का पुलिंदा है,ख़ुशियाँ आज कल चुनिंदा है,कभी याद कर लिया करो इश्स नाचीज़ को,ये शक्स अभी तक ज़िंदा aur aapke saath hamesha hey apka apna

Wednesday, November 12, 2008

मौज मस्ती

बार-बार आये छुट्टी,
आराम मिले भरपूर.
पेपर पढना नहीं पङे,
हर दिन की तरह मजबूर.
हर दिन की तरह मजबूर,
कि आदत सी बन जाती.
चाय के साथ न मिले,
तो उसकी याद आ जाती.
कह साधक कवि,
ऐसा अवसर फिर-फिर आये.
आराम मिले भरपूर,
जो छुटी बार-बार आये.

Smile in Pleasure

Smile in Pain

Smile when trouble pours like Rain

Smile when sum1 Hurts U

Smile becoz SOMEONE

still Loves to see u Smiling!!

Tuesday, November 11, 2008

sher-o-shayari


Yeh dil tum se pyar karna chahta hai
Apni mohabbat ka iqrar karna chahta hai
Jab se dekha hai tum ko ae sanam
Bas tumhara hi dedaar karna chahta hai


Yun na Mujh ko dekh Tera Dil pighal na jaye
Mere Aansuo se Tera Daman jal na jaye
Wo Mujh se phir mila hai Aaj Khawabon mai
Ae Khudaya kahin Meri Neend khul na jaye
Pucha na ker sab ke Samne Meri Kahani
Kabhi Tera Naam Hoton se nikal na jaye
Ji-Bhar ke dekh lo Hum ko Tum Sanam
Kya pata phir Zindagi ki Shaam dhal na jaaye
Yun na Mujh ko dekh Tera Dil pighal na jaye
Mere Aansuo se Tera Daman jal na jaye

sher-o-shayri


Tumhare haath ko tham kar tumhare saath chalna chahte hai

Badi lambi der tak tumse baatein karna chahte hai

Tumhari muhabbat ko dil se mehsus karna chahte hai

Ab kya kahe tumse ke hum jald tumse milna chahte hai

Tujhe dekhe bina teri tasweer bana sakta hoon,


Tujhse mile bina tera haal bata sakta hoon,


Hai meri dosti mein itna dum,


Apni aankh ka aansoo teri aankh se gira sakta hoon.


pawan rathor

तुम ने चाह ही नही ,


हालत बदल सकते थे...


तेरे आंसू मेरी aankho से निकल सकते थे॥


तुम तो ठहरे रहे झील के पानी की तरह ......


दरिया बनते तो बहुत दूर निकल सकते थे...

Monday, November 10, 2008

शेर-शायरी



दिन हुआ है तो रात भी होगी,
हो मत उदास कभी तो बात भी होगी,

इतने प्यार से दोस्ती की है खुदा की कसम
जिन्दगी रही तो मुलाकात भी होगी।
कोशिश कीजिए हमें याद करने की,
लम्हे तो अपने आप ही मिल जायेंगे,
तमना कीजिए हमें मिलने की,
बहने तो अपने आप ही मिल जायेंगे .
महक दोस्ती की इश्क से कम नहीं होती
इश्क से ज़िन्दगी ख़तम नहीं होती ,
अगर साथ हो ज़िन्दगी में अच्छे दोस्त का
तो ज़िन्दगी जन्नत से कम नहीं होती
सितारों के बीच से चुराया है आपने ,
दिल से अपना दोस्त बनाया है आपको ,
इस दिल का ख्याल रक्गना ,
क्योंकि इस दिल के कोने में बसाया है आपको .
अपनी ज़िन्दगी में मुझे शरिख समझना ,
कोई गम आये तो करीब समगाना ,
दे देंगे मुस्कराहट आंसुओं के बदले ,
मगर हजारों दोस्तो में अज़ीज़ समझना ..
हर दुआ काबुल नहीं होती ,
हर आरजू पूरी नहीं होती ,
जिन्हें आप जैसे दोस्त का साथ मिले ,
उनके लिए धड़कने भी जरुरी नहीं ,

Saturday, November 8, 2008

हरियाणा में भी चली पॉप की आंधी


पंजाब में आई संगीत क्रांति की नकल करते हुए हरियाणा वासियों द्वारा पंजाबी गायिकी की तर्ज पर हरियाणवी पॉप गायिकी लोगों को परोसी जा रही है। मुनाफा बढाने के लिए निजी परिवहन क्षेत्र में भी संगीत को एक हथियार के रुप में बरता जा रहा है। तनाव को दूर करने के लिए संगीत सुनना गलत हो सकता है, लेकिन संगीत के नाम पर अश्लीलता भरे भद्दे गीत सुनना कहा तक उचित है। हरियाणा की बड़ी कम्पनियों की बसों में सवारियों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए बसों में वीडियों व ऑडियों यंत्र फिट किए हुए है। संगीत आज एक व्यवसाय बनकर रह गया है। संगीत के नाम पर युवा वर्ग के लड़के व लड़कियां अपना भविष्य उज्जवल बनाने के लिए हाथ पैर मार रहे है। आज से करीब बीस साल पहले हमारे समाज में विवाह, शादियों व खुशी के मौके पर घरों में जो गीत व संगीत सुना जाता था, वो शर्म व हया से भरपूर होता था। आज के संगीत से शर्म व हया खुद शर्मशार होकर अपना सिर छुपाती फिर रही है। सास-बहू, देवर-भाभी, मां-बेटे व अन्य रिश्तों पर सामाजिक गीतों का प्रचलन होता था। खेती बाड़ी व देशभक्ति वाले गीत सुनने को मिलते थे। परंतु आज पश्चिमी सभ्यता हमारे ऊपर हावी हो रही है। आज बसों, गाड़ियों में अश्लीलता भरे गीत जैसे ÷मैडम बैठ बलेरो में स्पेशल तेरी खातिर लाया÷ सुनने को मिलते है। हमारी पुरानी हरियाणवी संस्कृति सिकुडती जा रही है। पहले यहा गांव की बेटी को पूरे गांव की बेटी माना जाता था। परंतु आज के युग में बहन, बेटियां अपनो से भी सुरक्षित नही हैं। बसों व मैरिज पैलेसों में हो रही अश्लीलता हमारी विरासत नही है। बसों में बाप-बेटी, भाई-बहन या मां-बेटे जब इक्कठे सफर करते है तो अश्लीलता भरे गाने सुनने को मिलते है, जिससे सिर शर्म से झुक जाता है और ये पवित्र रिश्ते शर्मशार हो जाते है। हमारे ग्रामीण लोग तो लड़की को पढाने में पहले ही कतरातें है। इस तरह के गीत, संगीत सुनकर कया मां-बाप अपनी बेटियों को स्कूल व कॉलेज भेजने की हिम्मत कर सकेंगे। ऐसा वातावरण ही भू्रण हत्या को बढावा दे रहा है। गर्भ में भू्रण हत्या करके समाज में स्त्री-पुरुष अनुपात काफी गिरता जा रहा है। युवा पीढ़ी को भटके हुए रास्ते से बचाना होगा। जैसे फिल्मों में सेंसर की मंजूरी के बिना फिल्मों को चलाना प्रतिबंधित है। उसी प्रकार सरकार को ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए जिससे अश्लीलता भरे गीत व संगीत बाजारों में आने से पहले सेंसर की कसौटी पर खरा उतरे , जिससे ऐसे अश्लीलता भरे गीत बाजार में न आ सके। आज टीवी का कोई भी चैनल लगाए वहां पर पंजाबी व हरियाणवी को मिक्स करके एल्बम चल रहे है। अश्लीलता का नंगा नाच हो रहा है। दूध जैसे सफेद हरियाणवी संस्कृति सभ्य समाज में छोटी सोच के जो लेखक अश्लील गीत व रागनियां लिखकर समाज को अश्लील व दूषित कर रहे है, उन पर कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए।ै क्या हमारे हरियाणा के अनोखे व देशभक्त शूरवीर लोग गुरुओं के सच्चे वारिस इस अश्लीलता को यो ही बर्दाश्त करते रहेगें। यह हमारे लिए शर्मनाक विषय है। हमें अपने युवा पीढ़ी की गिरती हुई मान-मर्यादा को बचाने के लिए युवाओं को जागरुक करना होगा। हमारा हरियाणा जो दूध , दही का खाना कहलाने वाला मेरा यह प्यारा प्रदेश आज नशे व अश्लीलता की जकड़न में जकड़ता चला जा रहा है। जोकि सोचने का विषय है। हमें इस पर विचार करना चाहिए।

पवन कुमार

Thursday, November 6, 2008

रोजगार कार्यालय के कर्मचारियों के चेहरे की मुस्कान

सरकार ने किया बेरोजगारी भत्ते का ऐलान
रोजगार कार्यालय के कर्मियों के चेहरे पर आई मुस्कान
वर्षो से चेहरे का कार्य था मंद
बेरोजगारों ने पंजीकरण करवाना कर दिया था बंद
अब वे कार्यालय एक बार फिर से सज गए
रोजगार कार्यालय के कर्मी बेरोजगार होने से बच गए

Tuesday, November 4, 2008

दोस्ती का रिश्ता

बातें करके रुला ना दीजिएगा...
यू चुप रहके सज़ा ना दीजिएगा...
ना दे सके ख़ुशी, तो ग़म ही सही...
पर दोस्त बना के भुला ना दीजिएगा..
खुदा ने दोस्त को दोस्त से मिलाया...
दोस्तो के लिए दोस्ती का रिश्ता बनाया...
पर कहते है दोस्ती रहेगी उसकी क़ायम...
जिसने दोस्ती को दिल से निभाया...
अब और मंज़िल पाने की हसरत नही..।
किसी की याद मे मर जाने की फ़ितरत नही...
आप जैसे दोस्त जबसे मिले...
किसी और को दोस्त बनाने की हसरत ही नही

जिन्दगी का सच


जिंदगी का सच .......जो मुश्किल से मिले वो है पैसा ,जो आसानी से मिले वो यार कैसा ?जो हर किसी को मिले वो है गम ,और जो किस्मत वालों को मिले वो है .......हम !!!!!
पवन कुमार