महात्मा गांधी की पुण्यतिथि से ही देश में सार्वजनिक स्थलो पर बीड़ी-सिगरेट पीने पर प्रतिबंध संबंधी कानून लागू कर दिया गया है। इस कानून के अंतर्गत यदि कोई सार्वजनिक स्थल पर बीड़ी-सिगरेट पीता हुआ पाया गया तो उसे 200 रूपये का भुगतना होगा। यदि वह फिर भी नही मानता तो उसे छह माह का कारावास दिया जाएगा। लेकिन इस कानून का कोई फर्क नजर नही आ रहा है। लोग धड़ल्ले से इस का उल्लंघन कर रहे है। लोग सार्वजनिक स्थनो पर सरेआम बीड़ी-सिगरेट पी रहे है और कानून के सलाहकार मूक बने बैठे है। वहीं लगातार इस बारे में प्रचार करने वाला मीड़िया भी अपने कानों में तेल ड़ालकर सो गया है। इसका मतलब है कि हमारे देश में कानून बनाना प्रक्रिया भर है , इस पर अमल करने के बारे में कोई विचार नही करता। ऐसा करके हम अपने आप को ही धोखा दे रहे है। यदि हम कानूनों का पालन नही ेकरते तो कानून बनाने का क्या मतलब है।
पवन राठौर
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